Monday, December 21, 2020

साढ़े पाँच मीटर

सुनो लड़कियों
तुम अगर थोड़ी कम लंबी हो 
तो मैं तुम्हे लंबा दिखा सकती हूँ
थोड़ी ज्यादा ही लंबी हो तो
संतुलन बना सकती हूँ
अगर थोड़ी सी मोटी हो, तो
चिंता न करो कतई
मैं तुम्हे पूरी तहजीब से तराश दूँगी
ग़र पतली हो कुछ ज्यादा ही तो
तुम्हारी दिखती हड्डियों को 
बड़ी ही कुशलता से छुपा दूँगी
बाकी रंग की तुम फिक्र ना रहो
गोरी हो चाहे काली
तुम बेमिसाल हो
लेकिन सुनो छोरियों
बेमिसाल हूँ मैं भी
मैं पहचान हूँ
मैं पूरी की पूरी संस्कृति हूँ
मैं जादू हूँ जो किसी को भी जादुई बना दे
मै कशिश हूँ
मैं नशा हूँ
मैं कमसिन हूँ
मैं खूबसूरत हूँ
यूँ तो मैं साढ़े पाँच मीटर का 
महज एक कपड़ा हूँ
पर इस कपड़े मे समेट लेती हूँ
इस पूरे देश की 
हर प्रांत की
हर घर की
सारी बातें
दादी नानी और माँ की खुशबू बसी है मुझमे
और सुनो लड़को
मुझमे है एक आँचल भी
जिसकी छांव तले तुम सब सुस्ताए हो
जानते हो कौन हूँ मैं
मैं साड़ी हूँ
फैशन के इस दौर में गर्व से खुद पर इतराती
हाँ....मैं साड़ी हूँ